कुंभ मेला पौराणिक कथाएं
कुंभ पर्व के आयोजन को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जिनमें से सर्वाधिक मान्य कथा देव दानव द्वारा समुद्र मंथन से प्राप्त अमृत कुंभ से अमृत बूंद गिरने को लेकर है कथा अनुसार महर्षि दुर्वासा के शाप के कारण जब इंद्र और अन्य देवता कमजोर हो गए। तो दैत्यों ने देवताओं पर आक्रमण कर उन्हें परास्त कर दिया। तब सब देवता मिलकर भगवान विष्णु के पास गए और उन्हें सारा वृत्तांत सुनाया। तब भगवान विष्णु ने उन्हें दैत्यों के साथ मिलकर क्षीरसागर का मंथन करके अमृत निकालने की सलाह दी।
भगवान विष्णु के ऐसा कहने पर संपूर्ण देवता दैत्यों के साथ संधि कर अमृत निकालने में लग गए अमृत कुंभ से निकलते ही देवताओं के इशारे से इंद्र पुत्र जयंत अमृत कलश को लेकर आकाश की ओर उड़ा। तब दानवों ने उसका पीछा किया और घोर परिश्रम के बाद उन्होंने बीच रास्ते में ही जयंत को पकड़ा तत्पश्चात अमृत कलश पर अधिकार जमाने के लिए देव - दानवोंमें 12 दिन तक अविराम युद्ध होता रहा इस युद्ध के दौरान पृथ्वी के चार स्थानों प्रयाग हरिद्वार उज्जैन नासिक पर कलश से अमृत बूंदे गिरी थी।
उस समय चंद्र ने घट से प्रस्वण होने से, सूर्य ने घट फटने से, गुरु ने दैत्यों के अपरहण से, सनी ने देवेंद्र के भय से घट की रक्षा की कलह शांत करने के लिए भगवान ने मोहिनी रूप धारण कर यथा अधिकार सबको अमृत बांटकर पिला दिया इस प्रकार देव दानव युद्ध का अंत हुआ।
भगवान विष्णु के ऐसा कहने पर संपूर्ण देवता दैत्यों के साथ संधि कर अमृत निकालने में लग गए अमृत कुंभ से निकलते ही देवताओं के इशारे से इंद्र पुत्र जयंत अमृत कलश को लेकर आकाश की ओर उड़ा। तब दानवों ने उसका पीछा किया और घोर परिश्रम के बाद उन्होंने बीच रास्ते में ही जयंत को पकड़ा तत्पश्चात अमृत कलश पर अधिकार जमाने के लिए देव - दानवोंमें 12 दिन तक अविराम युद्ध होता रहा इस युद्ध के दौरान पृथ्वी के चार स्थानों प्रयाग हरिद्वार उज्जैन नासिक पर कलश से अमृत बूंदे गिरी थी।
उस समय चंद्र ने घट से प्रस्वण होने से, सूर्य ने घट फटने से, गुरु ने दैत्यों के अपरहण से, सनी ने देवेंद्र के भय से घट की रक्षा की कलह शांत करने के लिए भगवान ने मोहिनी रूप धारण कर यथा अधिकार सबको अमृत बांटकर पिला दिया इस प्रकार देव दानव युद्ध का अंत हुआ।
Contact no. - 8416862878
What's up - 8416862878
Nice article...
ReplyDelete